गज़ल
कौन है अपना कौन पराया होता है
चेहरे से तो अक्सर धोका होता है
जाने कैसे नज़दीकी बड जाती है
जब-जब हम दोनों में झगड़ा होता है
दिल की बातें दिल में ही रह जाती है
होंटों पर बस नाम तुम्हारा होता है
आंख में आंसू किस को अच्छे लगते हैं
रोने से तो बस मन हल्का होता है
ले दे कर एक तूम थे तूम से बनती थी
दुनिया से तो रोज़ ही झगड़ा होता है
हर मुश्किल आसान सी लगने लगती है
जब-जब मेरा साथ तुम्हारा होता है
चेहरे की मुस्कान बताती है राही
हंस ने वाला कितना तन्हा होता है
आदिल राही
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