Thursday, 12 August 2021

Gazal

गज़ल 

अना को चोट अब गहरी लगी है 
मेरे किरदार की बोली लगी है 

तुम्हारे दिल के दरवाजे पे अब तक
हमारे नाम की तखती लगी है 


तेरा चेहरा गवाही दे रहा है 
तेरे हाथों में क्यों मेंहदी लगी है 

बहोत समझाया दिल को हम ने लेकिन 
हमारे हाथ मायूसी लगी है 

बिछड़ते वक्त ऐसा भी हुआ है 
किसी की बेरुखी अच्छी लगी है 

किया है याद शायद उसने मुझको 
के राही आज फिर हिचकी लगी है

                        आदिल राही 

Gazal

गज़ल 

कौन है अपना कौन पराया होता है 
चेहरे से तो अक्सर धोका होता है 

जाने कैसे नज़दीकी बड जाती है 
जब-जब हम दोनों में झगड़ा होता है 

दिल की बातें दिल में ही रह जाती है 
होंटों पर बस नाम तुम्हारा होता है 

आंख में आंसू किस को अच्छे लगते हैं 
रोने से तो बस मन हल्का होता है 

ले दे कर एक तूम थे तूम से बनती थी 
दुनिया से तो रोज़ ही झगड़ा होता है 

हर मुश्किल आसान सी लगने लगती है 
जब-जब मेरा साथ तुम्हारा होता है 

चेहरे की मुस्कान बताती है राही 
हंस ने वाला कितना तन्हा होता है

                              आदिल राही 

غزل

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